
*संयमी के सानिध्य में रहकर ही संयम का पालन किया जा सकता है–मुनि श्री विश्रुतसागर जी*
*दिगम्बर जैन मुनियों का हुआ नगर आगमन, खण्डवा में करेंगे चातुर्मास,
खंडवा।। श्रावक और साधु एक गाड़ी के दो पहिये हैं।दोनों ही एक दूसरे के बिना अधूरे हैं।जहां श्रावक का मुख्य धर्म दान,पूजा और गुरु की उपासना करना है वहीं साधु का धर्म ज्ञान,ध्यान और तप में लीन रहना है।श्रावक दान,देव दर्शन पूजा और निर्ग्रन्थ मुनि आर्यिका संघ की सेवा,आहारचर्या, वैयावृत्ती में नित्य प्रति सहयोग करके अपने श्रावक धर्म का निर्वहन करता है।इसी तरह साधु भी व्रत,संयम,नियम, जाप्य आदि के द्वारा अपनी साधना में लीन रहता है। उक्त उदगार आचार्य विरागसागर जी के सुशिष्य उपाध्याय मुनि श्री विश्रुतसागर जी ने खण्डवा में नगर प्रवेश के अवसर पर व्यक्त किये। मुनि श्री ने कहा कि वर्षायोग साधु और श्रावक को जोड़ने का काम करता है।संयमी के साथ रहकर श्रावक गण छोटे छोटे नियम लेकर संयम की प्रथम सीढ़ी को पार करते हैं। मन, वचन और काय की एकाग्रता को योग कहते हैं।योग के साथ उपयोग का होना भी आवश्यक है।यह उपयोग ही आत्मा का लक्षण है।वर्षायोग में हम सभी अपने उपयोग को शुभ और शुद्ध करने का प्रयास करते हैं।ज्ञानी तो सभी होते है लेकिन उसे अपने आचरण में लाने का प्रयास कोई नहीं करता। आचरण के बिना दर्शन और ज्ञान दोनों अधूरे हैं। जब तक हम आचरण से शुद्ध नहीं होंगे तब तक हमारी क्रिया और कर्म में प्रमाणिकता नहीं आयेगी।जिसका जैसा श्रद्धान होता है वैसा ही उसका ज्ञान भी होता है और उसी के अनुरूप उसका आचरण भी होता है।
समाज के सचिव एवं मुनि सेवा समिति के प्रचार मंत्री सुनील जैन ने बताया कि पूज्य मुनि संघ का खण्डवा में आगमन चातुर्मास हेतु हुआ है।मुनि श्री के संघ में युवा मुनि निर्वेदसागर जी भी विराजमान हैं।इंदौर से धार,बड़वानी,बावनगजा, सिद्धक्षेत्र ऊन,खरगोन होते हुए मुनि संघ खण्डवा पधारे हैं।मुनि संघ को इंदौर रोड से मंगल प्रवेश शोभायात्रा के रूप में सराफा धर्मशाला लाया गया।शोभायात्रा में बैंड, जैन ध्वज,घोड़े,डी जे, बग्गिया शामिल थी।समाज के युवा मंडलो और ग्रुप के सदस्य जयकार और नारे लगाते हुए चल रहे थे।इस अवसर पर मुनि ससंघ के पाद प्रक्षालन का अवसर विजया बाई तोतालाल जी पहाड़िया परिवार ने एवम शास्त्र भेंट चिंतामन जी जैन ने प्राप्त किया।मुनि सेवा समिति के सक्रिय सदस्य एवम नगर गौरव बाल ब्रम्हचारी अर्पित भैयाजी का सम्मान भी किया गया।मंगलाचरण पायल जैन एवम योगिता जैन ने किया। सुनील जैन एवं मुनि सेवा समिति के अध्यक्ष विजय सेठी ने बताया कि 17 जुलाई को चातुर्मास की कलश स्थापना का कार्यक्रम होगा।सराफा बाजार स्थित जैन धर्मशाला में चातुर्मास के सभी कार्यक्रम होंगे।प्रतिदिन प्रातः 8:30 बजे से मुनि श्री के मंगल प्रवचन सराफा जैन धर्मशाला में होंगे। प्रातः 9:30 बजे आहारचर्या होगी। सुनील जैन प्रेमांशु चौधरी ने बताया कि शनिवार को प्रातः मुनी संघ के आगमन पर कार्यक्रम में जय जिनेन्द्र महिला मंडल,आशादीप बहु मण्डल,अखिल भारतीय महिला परिषद, दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप,प्रणाम धारा परिवार,त्रिशला पाठशाला,सेठी नगर महिला मंडल,नवकार मण्डल के सदस्य सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पंकज जैन महल द्वारा किया गया।